
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर 184 नए टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैट्स का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे।
लेकिन ध्यान रहे — ये कोई आम फ्लैट नहीं हैं, ये हैं सांसदों के लिए “5-Star क्वालिटी के सरकारी आवास”, जहां पर AC में बैठकर लॉजिकल बहसें होंगी… या शायद नहीं?
क्या है इन फ्लैट्स की खासियत?
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हर फ्लैट का साइज: 5000 स्क्वायर फीट
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कमरे: 5 बड़े कमरे + वर्कस्पेस + सहायकों के लिए 2 कमरे
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सभी कमरों में अटैच बाथरूम
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निर्माण में नहीं लगी एक भी ईंट – RCC और एल्यूमिनियम फॉर्मवर्क तकनीक से बने
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100 साल तक चलने की गारंटी – यानी अगली पीढ़ी के सांसद भी बेफिक्र!

500 गाड़ियों की पार्किंग – सांसदों की “SUV Diplomacy” को स्पेस मिलेगा!
परियोजना में अंडरग्राउंड डबल-लेयर पार्किंग बनाई गई है जिसमें 500 गाड़ियां आराम से पार्क हो सकती हैं। अब कोई सांसद कहे कि मीटिंग में लेट हो गया क्योंकि गाड़ी पार्क नहीं हो रही थी — तो समझ लीजिए, वो बहाना अब एक्सपायर हो चुका है।
ईंट नहीं, इंटेलिजेंस से बने हैं ये फ्लैट्स
रिपोर्ट्स के अनुसार, RCC और एल्यूमिनियम शटरिंग तकनीक से बने ये फ्लैट्स न सिर्फ हल्के हैं, बल्कि ज्यादा मजबूत भी हैं।
मतलब सांसदों के वाद-विवाद जितने भारी हों, ये बिल्डिंग उतनी ही स्थिर रहेगी।
PM ने की मजदूरों से मुलाकात – “बेसिक से लेकर बेसमेंट तक”
शिलान्यास से लेकर उद्घाटन तक, मोदी सरकार ने इस परियोजना को ‘मेक इन इंडिया’ की तरह पेश किया। पीएम मोदी ने फ्लैट्स बनाने वाले मजदूरों से भी मिलकर आभार व्यक्त किया।
कहते हैं, संसद भवन से लेकर सांसद आवास तक – अब हर चीज़ में नया भारत दिखेगा… और शायद कुछ “नया बहस” भी?
क्यों पड़ी नए फ्लैट्स की जरूरत?
पुराने सांसद आवासों की हालत कुछ ऐसी थी जैसे वादा किया हो ‘2022 तक कुछ नहीं बदलेगा’। कई वर्षों से सांसद किराए के घरों में रह रहे थे। अब उनके लिए खास रूप से डिजाइन किए गए ये फ्लैट्स सुरक्षा, सुविधा और स्थायित्व को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।
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